लंदन13 घंटे पहले
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हार्ट अटैक आने के बाद दिल की मरम्मत करने के लिए ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक खास तरह का बायोडिग्रेडेबल जेल तैयार किया है। इसकी मदद से मरीजों के दिल की मांसपेशियों को दोबारा मजबूत बनाया जा सकेगा, जिससे आगे जाकर हार्ट फेल होने का खतरा भी कम होगा। इस रिसर्च पर यूनिवर्सिटी ऑफ मेनचेस्टर और ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन ने मिलकर काम किया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनिया में हर साल 1 करोड़ 79 लाख लोग दिल की बीमारियों के चलते अपनी जान गंवाते हैं। ये विश्व की 32% मौतें हैं।
जेल कैसे काम करता है?

रिसर्चर्स ने जेल में इंसान के सेल्स मिलाकर इस तरह प्रोग्राम किए, जिससे ये हार्ट की मांसपेशियों में तब्दील हो जाएं।
यह जेल पेप्टाइड्स नाम के अमीनो एसिड्स से बनाया गया है। इन्हें प्रोटीन का बिल्डिंग ब्लॉक माना जाता है। रिसर्चर्स ने इस जेल में इंसान के सेल्स मिलाकर इस तरह प्रोग्राम किए, जिससे ये हार्ट की मांसपेशियों में तब्दील हो जाएं।
रिसर्च के अनुसार, इस जेल को लिक्विड फॉर्म में ही मरीज के दिल में इंजेक्ट किया जा सकता है। जेल के जरिए नए सेल्स (कोशिकाएं) दिल में जाते हैं और सॉलिड बनकर वहीं ठहर जाते हैं।
चूहों पर हुई स्टडी
इस एक्सपेरिमेंट को पहले चूहों पर किया गया। वैज्ञानिकों ने पाया कि चूहे के दिल में इंजेक्ट करने पर जेल दो हफ्ते तक बरकरार रहा। स्टडी लीडर कैथरीन किंग का कहना है कि जेल अभी भी ट्रायल फेज में है, मगर इसमें फेल होते हार्ट और दिल के दौरे को रिपेयर करने की क्षमता जरूर है। वैज्ञानिक जल्द ही जेल को चूहों में हार्ट अटैक के तुरंत बाद ट्राय करेंगे।
बता दें कि वैज्ञानिक सालों से हार्ट को नए सेल्स की मदद से दोबारा सेहतमंद बनाने पर रिसर्च कर रहे हैं। हालांकि, अब तक केवल 1% सेल्स ही दिल के अंदर पहुंचकर सर्वाइव कर पाए हैं।
नया जेल हार्ट से जुड़ी टेक्नोलॉजी का भविष्य

वैज्ञानिक सालों से हार्ट को नए सेल्स की मदद से दोबारा सेहतमंद बनाने पर रिसर्च कर रहे हैं।
किंग कहती हैं कि हमारे दिल के पास किसी भी डैमेज को रिपेयर करने की क्षमता बहुत कम होती है। हमें विश्वास है कि यह जेल कमजोर हार्ट में नए सेल्स जनरेट करने में कारगर साबित होगा। भविष्य में दिल से जुड़ी बीमारियों के इलाज में भी यह काम आएगा।
मोटापा दिल को बनाता है कमजोर
एक अलग रिसर्च में यह बात सामने आई है कि मोटे लोगों का दिल दूसरों के मुकाबले कमजोर होता है। जिन वयस्कों का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) ज्यादा होता है, उनके हार्ट फेल होने का खतरा 30% ज्यादा होता है। डायबिटीज, हाइपरटेंशन और ज्यादा कोलेस्ट्रॉल भी इस जोखिम को बढ़ाते हैं।